कहा जाता है कि, किसानों की अच्छी फसल उनके अच्छे बीजों की क्वालिटी पर निर्भर करती है. जिसके लिए कई राज्यों में किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध करवाए जाते हैं. इसके अलावा बीज खरीदने के लिए जो भी लागत आती है, उसे कम करने के लिए मिनी किट भी फ्री में बांटी जाती है. इसी दिशा में अब यूपी सरकार ने बीजों की उपलब्धता के लेकर बड़ी प्लानिंग कर ली है और इस पर काम कर रही है. यूपी सरकार अब खुद का बीज पार्क बनाने जा रही है. कहा जा रहा है कि इस पार्क से किसनों को उन्नतशील बीजों की उपलब्धता राज्य के बाहर से मंगवाने के बजाय घरेलू बीज पार्क से ही उपलब्ध कराया जाएगा. जानकारी के मुताबिक बता दें कि, इस पूरी प्रक्रिया में
को साउथ के राज्यों की भी मदद मिलेगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश का सबसे पहला बीज पार्क लखनऊ के मलीहाबाद स्थित रहमान खेडा में बनाया जा सकता है. इस जगह से किसानों को मोटा अनाजों के बीज भी उपलब्ध करवाए जाएंगें.
यूपी सरकार ने राज्य में पहला बीज पार्क स्थापित करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. हाल ही में यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही ने कई शहरों में विजित किया था. जहां पर बीज पार्क को बनाने से जुड़ी कई जरूरी जानकारियां मिली थीं. ये भी देखें: 13 फसलों के जीएम बीज तैयार करने के लिए रिसर्च हुई शुरू आपको बता दें कृषि मंत्री ने हैदराबाद में कई कृषि कम्पनियों के प्रतिनिधियों के सामने यूपी की राजधानी लखनऊ में बीज पार्क बनाने के लिए मदद भी मांगी.
उत्तर प्रदेश में बनने वाले बीज पार्क में धान और मिलेट के उन्नतशील किस्में उपलब्ध करवाई जाएंगी. इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कृषि मंत्री ने हैदराबाद में विजित करके धान और मिलेट के उन्नत बीजों को लेकर स्टार्टअप करने को लेकर जानकारियां हासिल की हैं.
यूपी में राज्य सरकार मोटा अनाज के उत्पादन को बढ़ाने में कमर कस चुकी है. जिसके लिए अच्छे और बेहतर उत्पादन की जरूरत है और यह जरूरत उन्नतशील बीजों से पूरी होनी जरूरी है. राज्य में मिलेट के एडवांस बीजों को मुहैया करवाने के लिए भारतीय म,मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान ने मदद का आश्वासन दिया है. संस्थान की मानें तो यूपी में मिलेट की उपज को बढ़ाने के लिए साइंटिस्ट की टीम राज्य में विजिट करेगी. ताकि किसानों को इस विषय में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मुहैया करवाई जा सके. जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश बीजों का काफी बड़ा बाजार है. जहां देश की कई बड़ी कम्पनियां बीज बेचकर करोड़ों रुपये का मुनाफा कमा रही हैं, और कारोबार कर रही हैं.
योगी सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश के कृषकों को शीघ्र ही सरकार की तरफ से तोहफा दिया जा सकता है। राज्य सरकार की तरफ से आने वाले दिनों में गन्ने के भाव को बढ़ाया जा सकता है। कृषकों के हित को मन्देनजर रखते हुए शीघ्र ही यूपी सरकार गन्ने की कीमतों को लेकर ऐलान कर सकती है। इस फैसले के लागू होने के पश्चात किसान भाइयों को गन्ने का मूल्य काफी अधिक मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार की तरफ से गन्ने की कीमतों में आगामी कुछ ही दिनों में 15 रुपये से लेकर 25 रुपये तक का इजाफा किया जा सकता है। साथ ही, राज्य के गन्ना मंत्री ने भी बातों-बातों में इस तरह के संकेत दिए हैं। हालांकि, कितने रुपये की बढ़ोतरी की जाऐगी। इस बात की फिलहाल कोई पुष्टि नहीं हुई है।
जैसा कि हम सब जानते हैं, कि कृषकों की तरफ से गन्ने की SAP को बढ़ाए जाने की निरंतर मांग की जा रही है। हालांकि, राज्य में बीते वर्षों में इसकी कीमत में इजाफा हुआ था। उत्तर प्रदेश में अंतिम बार वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले गन्ना मूल्य बढ़ाकर 350 और 360 रुपये प्रति कुंतल घोषित किया गया था। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य निर्धारण संस्तुति समिति की बैठक में गन्ना कृषकों ने उत्पादन लागत बढ़ने की वजह से मूल्य वृद्धि की मांग की है।
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वहीं, चीनी मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बहुत सारी समस्याओं को उठाते हुए कीमतों को यथावत रखने की मांग की है। मुख्य सचिव ने सब कुछ सुनने के पश्चात कहा कि गन्ना मूल्य यथाशीघ्र घोषित किया जाऐगा। संबंधित प्रस्ताव को शीघ्र ही कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए रखा जाऐगा। सरकार से रालोद और सपा निरंतर गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। बहुत सारी खबरों के मुताबिक, सरकार चीनी मिलों को भी राहत प्रदान कर सकती है। सरकार गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की वजह से पड़ने वाले खर्च को कम करने के लिए मिलों को परिवहन भाड़े में एक से दो रुपये की सहूलियत प्रदान कर सकती है।